27 October 2019

4941 - 4945 वक्त अजीब भरोसा हकीकत कफ़न नफरत जिंदगी शायरी


4941
वक्त बेवक्त कुछ नही होता,
सिर्फ ठिकाना होता है।
जिंदगीको तो आखिरी वक्त तक,
थकाना होता है।

4942
जिंदगी भी अजीब है,
जैसे जैसे कम हो रही है...
वैसे वैसे ज्यादा पसंद,
आती जा रही है.......!

4943
हमने उनको बडे गुरूरसे कहा,
कि आप हमारी जिंदगी है !
और वो मुस्करा कर बोले...
जिंदगीका कोई भरोसा नहीं होता...!

4944
मैं तेरी जिंदगीमें अहम हूँ...
तू बता... यह हकीकत है या,
फिर मैं वहममें हूँ.......!

4945
हमे क्या पता था की,
जिंदगी इतनी अनमोल है...
कफ़न ओड़ कर देखा तो,
नफरत करनेवाले भी रो रहे थे...!

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