4861
आज परछाईंसे पुछा,
क्यूँ आती हैं मेरे साथ...
वो भी हँसकर
बोली,
दूसरा हैं कौन
तेरे साथ...?
4862
साँसके साथ,
अकेला चल रहा
था...
जब साँस निकल
गई तो,
सब साथ चल
रहे हैं.......!
4863
बिखरे हैं अक्श
कोई साज़ नहि
देता,
खा़मोश हैं सब
कोई आवाज नहि
देता;
कलके वादे सब
करते हैं मगर,
क्यो कोई साथ
आज नहि देता ll
4864
मेरे साथ आपकी
दुआओका,
काफिला
चलता हैं;
मुक़द्दरसे कह दो,
अकेला नही हूँ
मैं...!
4865
कभी साथ हैं,
तो कभी खिलाफ हैं...
वक्तका भी,
आदमी जैसा हाल हैं...!
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