27 October 2019

4936 - 4940 फितरत यादें जीना लाजवाब सफ़र आसान मजबूत समय तजुर्बा जिंदगी शायरी


4936
फितरत किसीकी,
ना आजमाया कर जिंदगी...
हर शख्स अपनी हदमें,
बेहद लाजवाब होता है...!

4937
जिंदगी छोटी नही होती है जनाब...
लोग जीना ही  देरी से शुरु करते है...!

4938
हद--शहरसे निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली;
सफ़र जो धूपका किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली...

4939
जिंदगीको आसान नहीं,
बस खुदको मजबूत बनाना पडता हैं...
सही समय कभी नहीं आता,
बस समय को ही सही बनाना पडता हैं...

4940
एक बेहतरीन जिंदगी जीने के लिए,
यह स्वीकार करना भी जरुरी है कि,
सब कुछ सबको नहीं मिल सकता ll

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