Showing posts with label जिंदगी सौदा साँस चिराग ख़्वाब आँख मुलाकात तलाश सो जा सोने दो शायरी. Show all posts
Showing posts with label जिंदगी सौदा साँस चिराग ख़्वाब आँख मुलाकात तलाश सो जा सोने दो शायरी. Show all posts

16 October 2020

6641 - 6645 जिंदगी सौदा साँस चिराग ख़्वाब आँख मुलाकात तलाश सो जा सोने दो शायरी

 

6641
चिराग बुझते रहें और,
ख़्वाब जलते रहें...
सिसक सिसकके जिंदगीके,
साँस चलते रहें.......

6642
हर रातको तुम इतना, याद आते हो की...
हम भूल गये हैं;
ये रातें ख़्वाबोंके लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादोंके लिये.......

6643
भी जाओ,
मेरी आँखोंके रूबरू, अब तुम...
कितना ख़्वाबोंमें तुझे,
और तलाशा जाए.......

6644
चले आए मेरे ख़्वाबोंमें,
ये तो ठीक था; लेकिन...
भरे बाज़ारमें ख़्वाबोंका,
सौदा क्यों किया तुमने...?

6645
नींद, खारीज कर
मुकम्मल--जुल्म;
परहेज ना होके हमसे ख़्वाबोंमें,
तय हमारी मुलाकातका करले इल्म...
                                              भाग्यश्री