Showing posts with label जिन्दगी रौशन कफस वफा खता आशियाँ तलाश निगाह खयाल शौक बर्क शायरी. Show all posts
Showing posts with label जिन्दगी रौशन कफस वफा खता आशियाँ तलाश निगाह खयाल शौक बर्क शायरी. Show all posts

20 June 2020

6051 - 6055 जिन्दगी रौशन कफस वफा खता आशियाँ तलाश निगाह खयाल शौक बर्क शायरी


6051
यह देखकर कि बर्कका रूख,
इधर को नहीं...
निकले तलाशे-बर्कमें,
खुद आशियाँसे हम.......!

6052
बर्क क्या बर्बाद,
कर सकती हैं मेरा आशियाँ...
बल्कि यूँ कहिए कि,
रौशन आशियाँ हो जायेगा...!

6053
निगाहे-शौकको,
शाखे-निहाले-गुलकी तलाश...
हवाए--तुन्दकी यह जिद,
कि आशियाँ बने.......
                              शाहजहाँपुरी

6054
खताओंपर खतायें,
हो रही थीं नावक-अफगनसे...
इधर तीरोंसे बनता जा रहा था,
आशियाँ मेरा.......

6055
जफा सैयादकी अहले-वफाने,
रायगां कर दी...
कफसकी जिन्दगी,
वक्फे-खयाले-आशियाँ कर दी...!
                         आनन्द नारायण मुल्ला