Showing posts with label जिन्दगी वक्त करीब दूर शौक बोझ कायनात नजर बात शायरी. Show all posts
Showing posts with label जिन्दगी वक्त करीब दूर शौक बोझ कायनात नजर बात शायरी. Show all posts

13 November 2019

5021 - 5025 जिन्दगी वक्त करीब दूर शौक बोझ कायनात नजर बात शायरी


5021
कह दो हर वो बात,
जो जरुरी है कहना...
क्योंकि;
कभी-कभी जिन्दगी भी,
बेवक्त पूरी हो जाती है...

5022
बस इतने करीब रहो...
अगर बात ना भी हो,
तो दूरी ना लगे.......!

5023
कितने शौकसे,
छोड़ दिया तुमने बात करना...
जैसे सदियोंसे तेरे ऊपर,
कोई बोझ थे हम...!

5024
जलवे तो बेपनाह थे,
इस कायनातमें...
ये बात और है कि,
नजर तुमपर ही ठहर गई...!

5025
बात तो कुछ और है,
कुछ और ही बता रहे है...
अपने है इसिलिए,
कुछ ज़्यादा ही सता रहे है...!