5021
कह दो हर
वो बात,
जो
जरुरी है कहना...
क्योंकि;
कभी-कभी जिन्दगी
भी,
बेवक्त पूरी
हो जाती है...
5022
बस इतने करीब
रहो...
अगर बात ना
भी हो,
तो
दूरी ना लगे.......!
5023
कितने शौकसे,
छोड़ दिया तुमने
बात करना...
जैसे सदियोंसे तेरे
ऊपर,
कोई बोझ
थे हम...!
5024
जलवे तो बेपनाह
थे,
इस कायनातमें...
ये बात और
है कि,
नजर तुमपर
ही ठहर गई...!
5025
बात तो कुछ
और है,
कुछ और ही
बता रहे है...
अपने है इसिलिए,
कुछ ज़्यादा ही सता
रहे है...!
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