22 November 2019

5071 - 5075 ज़िन्दगी जज़्बात रिश्ता खूबसूरत सज़ा गुनाह मतलब समझ शायरी


5071
कम ही होते हैं,
जज़्बातोंको समझने वाले;
इसलिए शायद,
शायरोंकी बस्तियाँ नहीं होती...!

5072
अच्छे रिश्तोंको वादे और,
शर्तोंकी जरूरत नहीं होती...
बस दो खूबसूरत लोग,
एक निभा सके दूसरा समझ सके...!

5073
मरने वालेको रोने वाले,
हजार मिल जायेंगे मगर...
जो जिंदा हैं उसे समझनेवाला,
एक भी नही मीलता.......

5074
ऐसे ही गुज़ार ली ज़िन्दगी मैने,
कभी खुदा कि रज़ा समझकर...
तो कभी अपने गुनाहोंकी,
सज़ा समझकर...


5075
यूँ असर डाला हैं,
मतलबी लोगोंने दुनियापर...
हाल भी पूछो तो,
लोग समझते हैं कि कोई काम होगा...!

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