20 November 2019

5061 - 5065 दिल खुशी गम प्रेम बात रिश्ता तजुर्बा नज़र आँख मुश्कील जवाब जज़्बात शायरी


5061
तेरे पास आकर,
खुशीसे फूल जाती हूँ;
गम चाहे कैसा भी हो,
आकर भूल जाती हूँ;
बताने बात जो आऊँ,
वही मैं भूल जाती हूँ;
खुशी इतनी मिलती हैं,
कि माँगना भी भूल जाती हूँ !!!

5062
प्रेमसे रहो यारों,
जरासी बातपे रूठा नहीं करते...
पत्ते वहीं सुन्दर दिखते हैं,
जो शाखसे टूटा नही करते...!

5063
मिठास रिश्तोंकी बढ़े,
तो कोई बात बने...
मिठाईयां तो,
मीठी ही बनती हैं...!

5064
जिंदगीका तजुर्बा तो नहीं,
पर इतना मालूम हैं...
छोटा आदमी बड़े मौकेपर,
काम जाता हैं...
और.......
बड़ा आदमी छोटीसी बातपर,
औकात दिखा जाता हैं.......

5065
कोई नज़रोसे इशारा कर लेता हैं,
कोई आँखोसे कुछ कह देता हैं...
बड़ा ही मुश्कील हो जाता हैं जवाब देना,
जब कोई जज़्बातसे बात कर लेता हैं...!

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