5 November 2019

4986 - 4990 दुनियाँ मोहब्बत मेहबूब वक्त बात दिल शायरी


4986
दिलमें छुपाके रखी है,
मोहब्बतकी चाहतें...
मेहबूबसे जरा कह दो,
अभी बदला नहीं हूँ मैं...!

4987
बस दिलको जीतनेका,
मक़सद रखना...
वरना दुनियाँ जीतकर तो,
सिकन्दर भी ख़ाली हाथ गया था...

4988
वक्तके पन्ने पलटकर,
फ़िर वो हसीं लम्हे जीनेको दिल चाहता है;
कभी मुस्कुराते थे उनसे मिलकर,
अब उन्हें साथ देखनेको दिल तरस जाता है !

4989
कितने ही दिल,
तोड़ती है ये फरवरी...
यूँ ही नही बनाने वालेने,
इसके दिन घटाये होंगे...!

4990
काश मेरी कही अनकही हर बात,
सिधे तेरे दिलतक पहुंचे...
और वो मूरत बनके तुमसे निकलके,
सिधे मेरे दिलमें समाए.......!
                                               भाग्यश्री

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