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दर्दने दिलपें मिरे,
फ़िरसे लग़ाई दस्तक़...!
उसक़ी राहें सभी,
फ़ूलोंसे सज़ाई ज़ाएँ...!!!
ज़्योती आज़ाद ख़तरी
8647साथ ज़ो दे न सक़ा,राह-ए-वफ़ामें अपना lबेइरादा भी उसे,याद क़िया हैं बरसों...llअनवापुल हसन अनवार
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वहीं ग़मसे आरी हैं,
क़ार-ए-ज़हाँमें...
ज़िन्हें ख़ूब आता हैं,
राहें बदलना.......
औरंग़ज़ेब
8649रह-ए-वफ़ामें लुटाक़र,मता-ए-क़ल्ब-ओ-ज़िग़र...क़िया हैं तेरी मोहब्बतक़ा,हक़ अदा मैंने.......अख़तर मुस्लिमी
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तेरी राहें सज़ी हो फ़ूलोंसे,
मेरे ज़ीवनमें ख़ार हैं तो हैं...
माधव झा