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21 November 2016

764 दिल आँख शख्स लिख काम कलम नशा शराब शायरी


764

Nasha, Intoxicate 

ये  “ शायरी ”  लिखना उनका काम नहीं,
जिनके दिल ”  आँखोंमें बसा करते हैं ;
“ शायरी ”  तो वो शख्स लिखते हैं,
जो शराबसे नहीं  “ कलम ”  से नशा करते हैं
Writting a " Poem " is not their Cup of Tea,
Whose " Heart " lives in Eyes ;
The One who write the " Poem "
Who Intoxicates not with Wine but with " Quill "...