7006
ऐशही ऐश हैं,
न सब ग़म हैं...
ज़िंदगी इक,
हसीन संगम हैं...
7007जिनके मिलतेही दिलको,ख़ुशी मिल जाती हैं lवो लोग क्यों जिन्दगीमें,कम मिला करते हैं.......ll
7008
बड़े घरोमें रहीं हैं,
बहुत ज़मानेतक...
ख़ुशीका जी नहीं लगता,
ग़रीब ख़ानेमें.......!
7009मैं बदनसीब हूँ,मुझको न दे ख़ुशी इतनी...कि मैं ख़ुशीको भी लेकर,ख़राब कर दूँगा.......
7010
पता न चला कि,
इश्कके जालमें फँसे कब थे ;
मरते वक्त याद न आया,
कि हँसे कब
थे.......ll