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26 October 2020

6686 - 6690 दिल ख़याल मुश्किल मजबूर हिना मेहँदी शायरी

 

6686
मेहंदी लगानेका जो,
ख़याल आया आपको...
सूखे हुए दरख़्त,
हिनाके हरे हुए.......
                        हैदर अली

6687
मेहंदीने ग़ज़ब,
दोनों तरफ़ आग लगा दी ;
तलवोंमें उधर और,
इधर दिलमें लगी हैं ll

6688
चुराके मुठ्ठीमें,
दिलको छुपाए बैठे हैं...
बहाना ये हैं कि,
मेहंदी लगाए बैठे हैं...!
                     क़ैसर देहलवी

6689
मेहंदी लगाए बैठे हैं,
कुछ इस अदासे वो...
मुठ्ठीमें उनकी दे दे,
कोई दिल निकालके...
रियाज़ ख़ैराबादी

6690
दोनोंका मिलना मुश्किल हैं,
दोनों हैं मजबूर बहुत...
उसके पाँवमें मेहंदी लगी हैं,
मेरे पाँवमें छाले हैं.......
                               अमीक़ हनफ़ी