4376
बस तुम कोई,
उम्मीद दिला दो
मुलाकातकी...
फिर इन्तजार तो हम,
सारी उम्र कर
लेंगें.......!
4377
अकेले रहनेका
भी,
एक अलग सुकून
हैं...
ना किसीकी
वापस आनेकी
उम्मीद...
ना किसीके
छोडकर जानेका डर.......
4378
बड़ा हादसा हैं...
के हर हादसा,
भूल जाना पड़े हैं...
4379
मुझे किसीके
छोड जानेका,
मलाल नहीं फराज..
बस कोई ऐसा
था,
जिससे ये
उम्मीद ना थी...
4380
दिलोंके बंधनमें,
दूरियाँ
नहीं गिनते...
जहां उम्मीद हो,
वहां मजबूरियाँ नहीं गिनते...