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लोग डरते हैं,
दुश्मनीसे तिरी...
हम तिरी दोस्तीसे,
डरते हैं.......!
7162उसका ये अंदाज़ भी,दिलको भा गया हैं;कल तक जो दोस्त था,आज दुश्मनीपर आ गया हैं ll
पूछा हैं ग़ैरसे मिरे,
हाल-ए-तबाहको...
इज़हार-ए-दोस्तीभी किया,
दुश्मनीके साथ.......
7164कभी ख़ुदको मेरे प्यारमें,भुलाकर देख...दुश्मनी अच्छी नहीं,मुझे दोस्त बनाकर देख...!
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सच कहते हैं कि,
नाम मोहब्बतका हैं बड़ा l
उल्फ़त जताके दोस्तको,
दुश्मन बना लिया ll
जोश लखनवी