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ये तो बस दिलको,
तस्सली देने वाली बात हैं...
वरना झूठी क़सम खानेसे,
कोई मर नहीं जाता.......!
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अगर क़सम खानेसे,
कुछ होता.......
तो सबसे पहेले,
भगवानको
कुछ होता...!
सुना था क़सम झूठी हो तो,
लोग मर जाते हैं...
ना जाने कौनसी क़सम निभा रहा हैं वो के,
अब तक ज़िंदा हूँ मैं.......!
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अगर क़समें इतनीही,
सच होती;
तो कोई क़समही,
नहीं खाता ll
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मेरी क़सम खाया न करो,
जब तोड़ना ही हैं...
मुझे जीना हैं अपनोंके लिए,
जो मुझे तुमसे भी,
बेइन्तहा
मोहब्बत करते हैं...!