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18 November 2020

6771 - 6775 दिल मजबूर मौका जमाना कदर धोखा तस्वीर हाथोंपर शायरी

 

6771
दिलके हाथों,
मजबूर होकर मौका देते हैं...
तभी तो दिलमें बसने वाले,
धोखा देते हैं.......

6772
मेरी दिलकी दिवारपर,
तस्वीर हो तेरी...
और तेरे हाथोंमें हो,
तकदीर मेरी.......!

6773
नहीं छोड़ सकते हम,
दूसरोंके हाथोंमें तुमको...
लौट आओ ना की हम,
अब भी तुम्हारे ही हैं.......

6774
जब-जब इसे सोचा हैं,
दिल थाम लिया मैंने...
इन्सानके हाथोंसे,
इन्सानपै जो गुजरी...
फिराक गोरखपुरी

6775
हुए हैं इस कदर खम,
जमानेके हाथों...
कभी तीर थे अब,
कमां हो गए हैं.......