3111
मिट जाते हैं अक्सर,
औरोंको मिटानेवाले...
लाश कहाँ रोती
हैं...?
रोते हैं जलाने
वाले.......!
3112
रहो सबके
दिलमें ऐसे
कि,
जो भी मिले
तुम्हें अपना समझे;
बनाओ सबसे रिश्ता
ऐसा कि,
जो भी मिले
फिरसे मिलनेको तरसे l
3113
एक नींद हैं...
जो रातभर
नहीं आती;
एक नसीब हैं...
जो न जाने
कबसे सो
रहा हैं.......
3114
आईना भी भला,
कब किसीको
सच बता पाया
हैं;
जब भी देखो,
दायाँ तो बायाँ
ही नज़र आया
हैं...!
3115
छिन लेता हैं,
मुझसे तू हर
चीज हैं, ए
खुदा,
पता ना था...
तू इतना गरीब
हैं !!!