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18 November 2019

5046 - 5050 दिल शर्त ज़िद रिश्ता सुंदर सादगी खुशबू महक बंदगी मुलाकात बात शायरी


5046
किसीमें कोई कमी दिखाई दे,
तो उससे बात करें;
मगर हर किसीमें कमी दिखाई दे,
तो खुदसे बात करें...!

5047
शीशा और पत्थर संग संग रहे,
तो बात नही घबरानेकी...
शर्त इतनी है कि बस,
दोनों ज़िद ना करें टकरानेकी...!

5048
ज़रा ज़रा सी बातपर,
रिश्तोंको मत तोडीये...
सात अरबकी भीड़में,
सात लोग तो जोड़ीये...!

5049
"बातचीत"
यूँ तो शब्द ही है...
पर की जाए तो,
दिलोके कई मैल धुल जाते हैं...

5050
सुंदरता हो हो,
सादगी होनी चाहिए;
खुशबू हो हो,
महक होनी चाहिए;
रिश्ता हो हो,
बंदगी होनी चाहिए;
मुलाकात हो हो,
बात होनी चाहिए...!