10051
सूरत छुपाइए,
किसी सूरत-परस्तसे...
हम दिलमें नक़्श,
आपकी तस्वीर कर चुके...!
अनवर देहलवी
10052
भेज दी तस्वीर अपनी,
उनको
ये लिखकर 'शकील'
आपकी
मर्ज़ी हैं,
चाहे
जिस नज़रसे देखिए…
शकील
बदायूनी
दिल्लीके न थे कूच्चे,
औराक़-ए-मुसव्वर थे l
जो शक्ल नज़र आई,
तस्वीर नज़र आई ll
मीर तक़ी मीर
10054
कुछ तो इस दिलको सज़ा दी जाए,उसकी तस्वीर हटा दी जाए llमोहम्मद अल्वी
10055
मैने भी देखनेकी हद कर दी,
वो भी तस्वीरसे निकल आया l
शहपर रसूल