25 November 2025

10051 - 10055 दिल सज़ा सूरत परस्त नक़्श मर्ज़ी नज़र औराक़-ए-मुसव्वर शक्ल हद तस्वीर शायरी

 
10051
सूरत छुपाइए,
किसी सूरत-परस्तसे...
हम दिलमें नक़्श,
आपकी तस्वीर कर चुके...!
                                     अनवर देहलवी

10052
उनको ये लिखकर 'शकील'
आपकी मर्ज़ी हैं,
चाहे जिस नज़रसे देखिए…
शकील बदायूनी

10053
दिल्लीके न थे कूच्चे,
औराक़-ए-मुसव्वर थे l
जो शक्ल नज़र आई,
तस्वीर नज़र आई ll

                     मीर तक़ी मीर

10054
कुछ तो इस दिलको सज़ा दी जाए,
उसकी तस्वीर हटा दी जाए ll
मोहम्मद अल्वी

10055
मैने भी देखनेकी हद कर दी,
वो भी तस्वीरसे निकल आया l

                                    शहपर रसूल

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