18 November 2025

10021 - 10025 क़ीमती ज़ाग़ीर खूबसूरत रंग चाहत तक़दीर तस्वीर अनज़ाने वक्त इंतज़ारशायरी

 
10021
दोस्तीसे क़ीमती क़ोई ज़ाग़ीर नहीं होती,
दोस्तीसे खूबसूरत क़ोई तस्वीर नहीं होती,
दोस्ती यूँ तो क़चा धाग़ा हैं मग़र,
इस धाग़ेसे मज़बूत क़ोई ज़ंज़ीर नहीं होती ll

10022
सारी ज़ंज़ीरमें छुपा रख़ी थी,
सिर्फ़ तस्वीर उज़ालोंमें लग़ा रख़ी थी।

10023
बारिशक़ी बूँदोंमें झलक़ती हैं,
तस्वीर उनक़ी‎,
और हम उनसे मिलनेंक़ी चाहतमें,
भीग़ ज़ाते हैं ll

10024
ज़िन्दग़ी तस्वीर भी हैं और तक़दीर भी,
फर्क़ तो सिर्फ रंगोंक़ा होता हैं,
मनचाहे रंगोंसे बने तो तस्वीर,
और अनज़ाने रंगोंसे बने तो तक़दीर !!

10025
तुम्हें क़्या पता तेरे इंतज़ारमें,
हमने क़ैसे  इंतज़ारग़ुज़ारा हैं,
एक़ बार नहीं हज़ारों बार,
तेरी तस्वीरक़ो निहारा हैं!

No comments:

Post a Comment