5216
पढ लेते हो, जब खत मेरा,
खिंच लेते हो
दिल;
न जाने कौनसी
डोर है जो
दिखती नही,
पर महसूस बेपनाह होती
है.......!
संदीप कदम
5217
किसी से रिश्ता
क्या है,
ये हमें मालूम
हो जरुरी तो
नहीं...
हाँ उस रिश्ते
में कितना अपनापन
है,
ये महसूस होना जरुरी
है.......!
5218
कुछ ख्वाहिशोंका,
कत्ल करके मुस्कुरा
दो...
ज़िंदगी खुद ब
खुद,
बेहतर हो जायेगी...!
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किसीकी कमी
जब,
महसूस होने लगे...
तो समझो ज़िंदगीमें उसकी मौजूदगी,
बहुत .गहरी हो
चुकी है.......!
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फिसलती ही चली
गई,
एक पल
भी रुकी नहीं...
अब जा के
महसूस हुआ,
रेत
के जैसी है
जिंदगी...