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22 December 2019

5216 - 5220 दिल ज़िंदगी मौजूदगी पल खत डोर रिश्ता ख्वाहिश कत्ल महसूस शायरी


5216
पढ लेते हो, जब खत मेरा,
खिंच लेते हो दिल;
जाने कौनसी डोर है जो दिखती नही,
पर महसूस बेपनाह होती है.......!
                                                संदीप कदम

5217
किसी से रिश्ता क्या है,
ये हमें मालूम हो जरुरी तो नहीं...
हाँ उस रिश्ते में कितना अपनापन है,
ये महसूस होना जरुरी है.......!

5218
कुछ ख्वाहिशोंका,
कत्ल करके मुस्कुरा दो...
ज़िंदगी खुद खुद,
बेहतर हो जायेगी...!

5219
किसीकी कमी जब,
महसूस होने लगे...
तो समझो ज़िंदगीमें उसकी मौजूदगी,
बहुत .गहरी हो चुकी है.......!

5220
फिसलती ही चली गई,
एक पल भी रुकी नहीं...
अब जा के महसूस हुआ,
रेत के जैसी है जिंदगी...