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13 February 2019

3911 - 3915 नींद करवटे ख्याल जुनून इश़्क सजा सपने रौशनी तमीज़ रात शायरी


3911
तमाम रात करवटे लेकर,
बगैर नींदके सोना कमाल होता हैं...
रात अपनी होती हैं,
और ख्याल उनका होता हैं...!

3912
जुनून--इश़्क था तो...
कट जाती थी रात ख्यालोंमें;
सजा--इश़्क आई तो...
हर लम्हा सदियोंमें लगने लगा...!

3913
" एक दीये ही हैं जो,
रातमें जलते हैं... साहेब, "
वरना जलने वाले तो,
दिन- रात जलते हैं.......। "

3914
जरा तमीज़से बटोरना,
बुझे दियोंको !
इन्होने कल अमावसकी अन्धेरी रातमें...
हमे रौशनी दी थी;
किसी औरको जलाकर,
खुश होना अलग बात हैं,
इन्होने तो खुदको जलाकर...
हमे खुशी दी थी.......।

3915
जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता हैं,
उन्हें रात छोटी लगती हैं;
और...
जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता हैं...
उन्हें दिन छोटा लगता हैं...।