3911
तमाम रात करवटे
लेकर,
बगैर नींदके
सोना कमाल होता
हैं...
रात अपनी होती
हैं,
और ख्याल उनका होता
हैं...!
3912
जुनून-ऐ-इश़्क
था तो...
कट जाती थी
रात ख्यालोंमें;
सजा-ऐ-इश़्क
आई तो...
हर लम्हा सदियोंमें
लगने लगा...!
3913
" एक
दीये ही हैं
जो,
रातमें जलते
हैं... साहेब, "
वरना जलने वाले
तो,
दिन- रात जलते
हैं.......। "
3914
जरा तमीज़से
बटोरना,
बुझे दियोंको !
इन्होने
कल अमावसकी
अन्धेरी रातमें...
हमे रौशनी दी
थी;
किसी औरको
जलाकर,
खुश होना
अलग बात हैं,
इन्होने
तो खुदको
जलाकर...
हमे खुशी
दी थी.......।
3915
जिन्हें
सपने देखना अच्छा
लगता हैं,
उन्हें रात छोटी
लगती हैं;
और...
जिन्हें
सपने पूरे करना
अच्छा लगता हैं...
उन्हें दिन छोटा
लगता हैं...।
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