28 February 2019

3976 - 3980 ज़िन्दगी बात आवाज बाजार दर्द खामोशी फ़रेब यक़ीन उदास दिल शायरी


3976
दिलपें ना लीजिये,
अगर कोई आपको बुरा कहे;
ऐसा कोई नहीं हैं जिसे,
हर शख्स अच्छा कहे...

3977
मुहकी बात सुने हर कोई,
दिलके दर्दको जाने कौन...
आवाजोंके बाजारोंमें,
खामोशी पहचाने कौन...

3978
दिलकश नग़मे,
दिलफ़रेब मौसम तुम...
यक़ीन करनेको काफी हैं,
कि ज़िन्दगी ख़ूबसूरत हैं

3979
उसने पुछा...
ज़िन्दगी किसने बरबाद की,
हमने ऊँगली उठाई और...
अपने ही दिलपर रख ली...।

3980
दिल चाहता हैं,
आज रो लूँ मैं जी भरके...
ना जाने किस-किस बातपर,
उदास हूँ.......

No comments:

Post a Comment