3856
कभी - कभी यूँ ही चले आया
करो,
दिलकी
दहलीजपर...
अच्छा लगता हैं,
यूँ तन्हाईयोंमें
तुम्हारा दस्तक देना....!
3857
रुक जाती हैं नजर,
एक हदके बाद...
दिल करता हैं जहाँ तुम हो,
बस वहाँ तक
देखूँ...!!!
3858
तेरे सिवा कोई
भी नाम,
पसन्द
नही दिलको;
कुछ इस तरहसे,
कब्जा किया
हैं अदाओंने
तेरी...!
3859
दिलमें हर
किसीका अरमान
नहीं होता,
हर कोई दिलका मेहमान नहीं
होता,
एक बार जिसकी
आरजू दिलमें
बस जाती हैं,
उसे भुला देना
इतना आसन नहीं
होता...!
3860
रिश्ता हो तो,
रूहसे रूहका हो...
दिल तो अक्सर
एक दूसरेसे,
भर जाया करते
हैं.......!
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