6 February 2019

3876 - 3880 दिल किताब प्यार खूबसूरत जबाब वादा रोशनी आँखें नींद रात ख़्वाब शायरी


3876
दिलकी किताबमें गुलाब उनका था,
रातकी नींदमें ख़्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जाएंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था !

3877
मैं नींदका शोकीन ज्यादा तो हीं...
लेकिन उनके ख़्वाब ना देखूँ तो...
गुजारा हीं होता.......!

3878
तुमने वादा तो किया था,
ख़्वाबमें मिलनेका...
और ख़ुशीके मारे हमें,
नींद ही नहीं आयी.......!

3879
दिनभरकी थकान अब मिटा लीजियॆ,
हो चुकी हैं रात रोशनी बुझा लीजिए
एक खूबसूरत ख़्वाब राह देख रहा हैं आपका,
बस पलक़ोंका पर्दा गिरा लीजिए...

3880
ख़्वाब तो सब मीठे देखे थे,
ताज्जुब हैं.......!
आँखोंका पानी खारा कैसे हो गया.......?

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