12 February 2019

3906 - 3910 ख़ामोश याद आईने बात शिकवा आँखे मुलाकात शब चर्चा चेहरा गूंज रात शायरी


3906
"रात ख़ामोशसी,
चुपचाप हैं, पर...
शोर तेरी यादोंका,
बेहिसाब हैं..."

3907
याद करेंगे तो,
दिनसे रात हो जायेगी,
आईनेमें देखेंगे तो,
हमसे बात हो जायेगी !
शिकवा करीये,
हमसे मिलनेका,
आँखे बंद करीये तो...
हमसे मुलाकात हो जायेगी...!

3908
कल चौदहवींकी रात थी,
शबभर रहा चर्चा तेरा...
कुछने कहा ये चाँद है,
कुछने कहा चेहरा तेरा...!

3909
पर इतनी भी ना,
बेसब्रीमें झटसे गुजर रात;
कुछ लम्हे तो जी भरके,
जीने दे मुझे मेरे यारके साथ.......

3910
रातके आखरी पहर,
सन्नाटोंके बीच...
गूंजता हैं जो तुम्हारे कानोमें,
जिसे तुम सुनकर...
अनसुना कर देते हो,
वहीं हूँ मैं.......!

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