4 February 2019

3861 - 3865 कसर मिज़ाज बात शख़्स कहानियाँ ग़म यार दिल शायरी


3861
छोडो ना यार...
क्या रखा हैं सुनने और सुनानेमें,
किसीने कसर नहीं छोङी,
दिल दुखानेमें...

3862
यूँ ही अपने मिज़ाजको,
चिड़चिड़ा कीजिये;
कोई बात छोटी करे तो,
दिल बड़ा कीजिये...

3863
संभालकर रखना उन्हे,
जो दिलमें उतर जाये;
और,
संभलकर रहना उनसे,
जो दिलसे उतर जाये...

3864
हम उसको सुनाते रहे,
ग़मकी कहानियाँ दोस्तों...
वो शख़्स कानसे नहीं,
दिलसे भी बहरा था...

3865
झुकना जरुर,
लेकिन सिर्फ उनके सामने;
जिनके दिलमें आपको,
झुकता देखनेकी जिद ना हो...

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