3861
छोडो ना यार...
क्या रखा हैं सुनने और सुनानेमें,
किसीने कसर नहीं छोङी,
दिल
दुखानेमें...
3862
यूँ ही न
अपने मिज़ाजको,
चिड़चिड़ा कीजिये;
कोई बात छोटी
करे तो,
दिल
बड़ा कीजिये...
3863
संभालकर
रखना उन्हे,
जो
दिलमें उतर
जाये;
और,
संभलकर रहना उनसे,
जो दिलसे
उतर जाये...
3864
हम उसको सुनाते
रहे,
ग़मकी कहानियाँ
दोस्तों...
वो शख़्स कानसे
नहीं,
दिलसे भी
बहरा था...
3865
झुकना जरुर,
लेकिन सिर्फ
उनके सामने;
जिनके दिलमें
आपको,
झुकता देखनेकी जिद ना
हो...
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