3921
तुझे याद कर
लूँ,
तो मिल जाता
हैं सुकून दिलको;
मेरे गमोंका
इलाज़ भी,
कितना सस्ता हैं.......!
3922
कोई रूहका
तलबगार मिले,
तो
हम भी मोहब्बत
कर ले...
यहाँ दिल तो
बहुत मिलते हैं,
बस कोई दिलसे नहीं मिलता...!
2923
तेरी यादमें
आँसुओंका समंदर
बना लिया,
तन्हाईके शहरमें अपना घर
बना लिया;
सुना हैं लोग
पूजते हैं पत्थरको,
इसलिए तुझसे जुदा होकर,
दिलको पत्थर
बना लिया...!
3924
मेने तुझे
अपनी आदत बनाई हैं,
और दिलने
कहाँ,
अच्छी आदत
बदलनी नहीं चाहिए...
3925
आज दिलने
तेरे दीदारकी,
ख्वाहिश रखी हैं...
मिले अगर फुरसत
तो,
ख्वाबोमें
आ जाना.......!
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