18 February 2019

3936 - 3940 प्यार मोहब्बत प्रीत हक़ीक़त नज़र बेरुखी ख्वाब साँस दास्तान तलाश दिल शायरी


3936
दिलमें हमने तुम्हारे प्यारकी दास्तान लिखी हैं,
ना थोड़ी ना तमाम लिखी हैं,
कभी हमारे लिये भी दुआ कर लिया करो सनम,
हमने तो हर एक साँस तुम्हारे नाम लिखी हैं...!

3937
गुलाबोंने ख्वाबोंकी,
हक़ीक़त सिखाई हैं;
मोहब्बत भले ही मिली हो,
मगर प्रीत हमने दिलसे निभाई हैं...!

3938
इससे बढकर तुमको,
और कितना करीब लाँऊ मैं;
कि तुमको दिलमें रखकर भी,
मेरा दिल नहीं लगता.......!

3939
कहाँ तलाश करोगे,
तुम दिल हम जैसा...
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे...
और प्यार भी करे.......!

3940
ये मेरी तलाशका जुर्म हैं,
या मेरी नज़रका क़सूर हैं;
जो दिलके जितना क़रीब हैं,
वो नज़रसे उतना दूर हैं...

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