Showing posts with label नज़दीक हडताल मुस्कुरा बेशक बात दामन सूरत आँसु लकीरें खुशनसीब खुशबू शायरी. Show all posts
Showing posts with label नज़दीक हडताल मुस्कुरा बेशक बात दामन सूरत आँसु लकीरें खुशनसीब खुशबू शायरी. Show all posts

10 May 2019

4236 - 4240 नज़दीक हडताल मुस्कुरा बेशक बात दामन सूरत आँसु लकीरें खुशनसीब खुशबू शायरी


4236
तुम्हारी नज़दीकियाँ चाहता हूँ,
बिलकुल वैसे, जैसे हवामें खुशबू...!

4237
हवाए हडतालपर हैं शायद...
आज तुम्हारी खुशबू नही आयी.......

4238
जब तुम खुश होकर मुस्कुराते हो,
तो हम तुम्हें देखकर मुस्कुराते हैं...!
बेशक तुम मुस्कुरा लेती हों गैरोंके साथ...
मगर जब बात आँसुओंकी होती हैं,
तब दामन मेरा तलाशते हों.......!

4239
अपने हाथोंकी लकीरें,
बदल पाया...
खुशनसीबोसे बहुत,
हाथ मिलाये हमने...
 ​
4240
जबसे छूटा हैं गांव,
वो मिट्टीकी खुशबू नहीं मिलती...
इस भीड़ भरे शहरमें,
अपनोंकी सी सूरत नहीं मिलती...।