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10 December 2017

2056 - 2060 दिल रूह मोहब्बत प्यार फासला ज़िन्दगी तलाश सिमट सुकून खबर फुरसत रंजिशे मोहलत अरमान शायरी


2056
दिलसे दिलका फासला,
कुछ यूँ तय हो जाये...
दिल मेरा धड़के,
और खबर तुझे हो जाये...

2057
ज़िन्दगी गुज़र जाती हैं ये ढूँढनेमें
कि..... ढूंढना क्या हैं...!
अंतमें तलाश सिमट जाती हैं इस सुकूनमें कि ...
जो मिला... वो भी कहाँ साथ लेकर जाना हैं ...
फुरसत मिले जब भी रंजिशे भुला देना,
मालुम नही कि सांसोकि,
मोहलत कहाँ तक मिली हैं...

2058
हर पलमें प्यार हैं,
हर लम्हेमें ख़ुशी हैं !
खो दो तो याद हैं...
जी लो तो ज़िन्दगी हैं ...!

2059
मैने कहां खुदासे कि
ज़हरसे जहरीला कोई ज़हर दे दे....
फिर क्या था,,,
खुदाने मेरी हथेलीमें मोहब्बत लिख दी...

2060
बाद मरनेक़े भी,
अरमान यहीं हैं ऐ दोस्त।
रूह मेरी तिरे,
आग़ोश-ए-मोहब्बतमें रहे।।