5646
कभी न कभी
वो,
मेरे बारेमें सोंचेगी ज़रूर...
के हासिल होनेकी उम्मीद
भी नहीं,
फिर भी वफ़ा
करता था.......!
5647
किसी और के
बाहोंमें रहकर,
वो हमसे वफ़ाकी
बात करते हैं...
ये कैसी चाहत
हैं यारों,
वो बेवफ़ा हैं जानकर
भी...
हम उन्हींसे ही प्यार
करते हैं...!
5648
देखके तेरी आँखोंमें,
पल पल जिया
हूँ मैं;
तुझे देख किसीके
बाहोंमें,
हर पल मरा
हूँ मैं;
साथ तेरा जब
तक था,
जिंदगीसे
वफ़ा मैं करता
था;
अब साथ नही
जब तेरा,
मैं वफ़ा मौतसे
करता हूँ...
5649
मेरे अलावा किसी और
को,
अपना महबूब बनाकर देख
ले...
तेरी हर धड़कन
कहेगी,
उसकी वफ़ामें कुछ और
बात थी...
5650
तेरे होते हुए
भी तन्हाई मिली
हैं,
वफ़ा करके भी
देखो बुराई मिली
हैं,
जितनी दुआ की
तुम्हे पाने की...
उससे ज़यादा तेरी जुदाई
मिली हैं...