4251
"वो
अच्छा हैं, तो
अच्छा हैं...
बुरा
हैं, तो भी
अच्छा हैं...
मिज़ाज-ए-इश्क़में,
ऐब-ए-यार देखे
नहीं जाते...!"
4252
ये इश्क़ हैं जनाब...
जिसमें इंसान निखरता भी
कमाल हैं,
और बिखरता भी कमाल
हैं.......
4253
कौन कहता हैं,
चेहरेसे इश्क़
होता हैं...
हमने बेखबर सायेसे,
मोहब्बतकी हैं.......!
4254
रूह तक नीलाम
हो जाती हैं,
इश्क़के बाज़ारमें...
इतना आसान
नहीं होता,
किसीको अपना बना
लेना...!
4255
मेरे प्यारको कभी,
जंजीर ना समझना...
जो खुद तेरे
इश्क़की कैदमें हो,
वो तुझे क्या
बांधेगा.......!