6506
तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त,
मगर...
तूने वादा किया था,
याद तो कर.......
नासिर काज़मी
6507
सुबूत हैं ये
मोहब्बतकी,
सादा-लौहीका...
जब उसने वादा
किया,
हमने ऐतिबार किया...
जोश मलीहाबादी
6508
तमाम शिकवे भुलाकर,
मुस्करा दूंगा मैं भी...
गर करे वादा तू मिलनेका,
वक्त-ए-कफ़नपर.......
6509
मुझे हैं ऐतिबार-ए-वादा
लेकिन,
तुम्हें
ख़ुद ऐतिबार आए
न आए...
अख़्तर शीरानी
6510
भरोगे एक दिन तुम,
सबकी झोली चाँद तारोंसे...
मुहब्बतमें फ़क़ीरोंसे,
ये वादा क्यों
किया तुमने.......?