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11 November 2016

733 मोहब्बत चाहत ज़माना भूल जहाँ शायरी


733

Naqab, Mask

वो कहने लगी,
नकाबमें भी पहचान लेते हो,
हमें हजारोंके बीच ?
मैने मुस्कुराकर कहां
तेरी आँखोंसे ही शुरू हुआ था,
"इश्क" हजारोंके बीच ।
She started telling,
You recognize in the Mask
me in Crowd ?
I smiled and replied,
It was started with the Eyes
Affair in Crowd .

734 मोहब्बत चाहत ज़माना भूल जहाँ शायरी


734

Chaahat, Desire

"तेरी चाहतमें हम ज़माना भूल गये,
किसी औरको हम अपनाना भूल गये,
तुमसे मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँको,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये......"

"I forget the World in your Desire ,
I Forget to find someone else for my life,
I told to Whole the World about my Love for you,
But I Forget to tell you only......."