11 November 2016

734 मोहब्बत चाहत ज़माना भूल जहाँ शायरी


734

Chaahat, Desire

"तेरी चाहतमें हम ज़माना भूल गये,
किसी औरको हम अपनाना भूल गये,
तुमसे मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँको,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये......"

"I forget the World in your Desire ,
I Forget to find someone else for my life,
I told to Whole the World about my Love for you,
But I Forget to tell you only......."

No comments:

Post a Comment