24 November 2016

778 दिन रात बगैर गुजर वक़्त शायरी


778

Unake Bagair, Without Her

उनके बगैर ये वक़्त,
ये दिन और ये रात
गुजर तो जाते हैं,
मगर गुजारे नहीं जाते . . . ! ! !
Without Her this Time ,
This Day and This Night ...
Passes away Though ,
But are not Spent . . . ! ! !

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