6 November 2016

710 कश्मकश ख्वाब रहमत मुकम्मल शायरी


710

Kashmakash, Annoyance

बड़ी कश्मकश हैं मौला,
थोड़ी रहमत कर दे,
या तो ख्वाब दिखा,
या उसे मुकम्मल कर दे...!
Big Annoyance is there oh God,
Offer little Mercy,
Either Don't show Dreams,
Or Fulfil it...!

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