8 November 2016

717 ज़माना वफ़ादार बेवफ़ा शायरी


717

Wafadar, Faithful

ज़माना वफ़ादार नहीं,
तो क़्या हुआ...
बेवफ़ा भी तो अक़्सर,
अपने ही हुआरते हैं...
So what,
If Society is not Faithful...
Disloyal are always
Our Own Only...

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