14 November 2016

739 जरूरी चाहत शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


739

Ummeed, Hope

उन लोगोंकी उम्मीदोंको,
कभी टूटने ना देना...
जिनकी आखरी उम्मीद,
सिर्फ आपही हैं. . . !
Do not Break Hope,
Of Those people ...
Whose last Hope,
Are only You . . .!

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