7 November 2016

715 ताज्जुब दुश्मन खैरियत दौर मुलाक़ात मक़्सद शायरी


715

Makasad, Intention

ताज्जुब  क़िजिएगा,
गर क़ोई दुश्मन भी आपक़ी खैरियत पूछ जाए ;
ये वो दौर हैं जहाँ,
हर मुलाक़ातमें मक़्सद छुपे होते हैं...
Don't get Surprised,
If a Rival asks your Well being ;
This the Era where,
Every meet has an Intention...

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