22 November 2016

767 दिल खेल खिलौना टुट पसंद शायरी


767

Khilouna, Toy

दिलसे खेलना तो,
हमे भी आता हैं…
लेकिन जिस खेलमें खिलौना टुट जाए,
वो खेल हमे पसंद नहीं
Playing with the Heart
I also Know...
But the Game in which Toys breaks,
That Game I don't Like... 

No comments:

Post a Comment