26 November 2016

785 आज़मा बिखरा टूटा शायरी


785

Banda, Man

आज़मा ले मुझको थोडा और,
खुदा
तेराबंदाबस बिखरा हैं,
अब तक, टूटा नहीं...!

Try me Little more
Oh God...
Your "Man" is just Scattered
Not Broken, till now...!

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