17 November 2016

746 दीदार आँखें कशिश कलम बयाँ बात शायरी


746

Deedaar, Sight

तुम्हारा दीदार...और वो भी...
आँखोंमें आँखें डालकर,
ये कशिश...कलमसे बयाँ करना भी,
मेरे बसकी बात नहीं...
Your Sighting and that also...
With Eye to Eye Contact
To express this Attractiveness with a Pen,
Is not my Cup of Tea...

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