10 November 2016

728 जिन्दगी आईना साफ सज सँवर ज़िंदगी शायरी


728

Aaina, Mirror

आईनेके सामने,
सजता सँवरता हैं हर कोई...
मगर आईनोंसी साफ जिन्दगी,
जीता हैं कोई-कोई...
In front of Mirror
Everybody does Makeup...
Though Clean life like Mirror
Lives Somebody...

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