3 November 2016

692 नायाबसा तराश हद गुज़र चमक हीरा शायरी


692

Wajah, Reason

सब सो गये ख़ुशी ख़ुशी,
अपना हाल-ए-दिल सुनाकर...
काश मेरा भी कोई अपना होता,
जो मुझसे मेरी जागनेकी वजह पूछता...

Everybody slept Happily
Telling their Story of Heart,
Someone would have been mine
Who would asked Reason of Being Awake...

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